प्रकृति प्रेम prakriti prem

 



प्रकृति प्रेम


निबंध - प्रकृति प्रेम


प्रकृति मनुष्य के लिए ईश्वर का अनुपम वरदान है। मनुष्य भी उसके आकर्षक रूप के प्रति सदैव ही आकर्षित होता रहता है। प्रकृति सदा मनुष्य की सहचरी रही है, वह अपने गुणों एवं सौंदर्य से मानव को तृप्त करती रही है। यह सब होते हुए भी जैसे-जैसे मनुष्य के हाथों में शक्ति आने लगी है उसने प्रकृति का दोहन ही किया है। अपनी सहचरी प्रकृति को नुकसान पहुँचाना आरंभ कर दिया। विज्ञान के चमत्कार और अपनी ताकत के बल पर मनुष्य स्वयं को सर्वशक्तिमान मानने लगा। नादानी में वह अपने ही विनाश की खाई खोदने लगा बढ़ता हुआ प्रदूषण और प्रकृति का असंतुलन मनुष्य की नादानी का ही परिणाम है । प्रदूषण के कारण आज मनुष्य जहाँ अनेक बीमारियों का शिकार है, वहीं प्रकृति के असंतुलन के भी अनेक दुष्परिणामों जैसे बाढ़ सूखा आदि को भी भुगत रहा है। प्रकृति को नुकसान पहुँचाकर मनुष्य ने सम्पूर्ण मानव जाति को नुकसान पहुँचाया है, इससे बचने एवं मानव जाति के बचाने के लिए आज आवश्यकता है कि वे प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य को समझें। प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके ही मनुष्यता को बचाया जा सकता है। इसलिए लेखक ने यह कहा है कि प्रकृति की ओर मुड़ना मनुष्यता की दिशा में बढ़ता कदम होगा।

1 Comments

  1. Harrah's Atlantic City - MapYRO
    Find 태백 출장안마 Harrah's 보령 출장샵 Atlantic City, Atlantic City, NJ 08401, 오산 출장샵 United 충청남도 출장마사지 States in realtime and see activity. location, like Ocean Way, Harrah's 여주 출장샵 Atlantic City Hotel, Casino & Spa,

    ReplyDelete
Previous Post Next Post