प्लास्टिक की दुनिया
प्लास्टिक एक तरह के पॉलिमर से निर्मित उत्पाद है, यह पूर्णतः मनुष्य द्वारा निर्मित है। प्रकृति स्वयं इसका निर्माण नहीं करती। इसलिए इसे कृत्रिम पदार्थ भी कहते हैं। मनुष्य ने अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए अनेक आविष्कार किये उन्हीं में प्लास्टिक भी एक है। प्लास्टिक में अनेक गुण हैं, जिसके कारण इससे बनी वस्तुओं की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। आज जहाँ देखो वहीं प्लास्टिक की वस्तुएँ नजर आती हैं। अतः आज की दुनिया को प्लास्टिक की दुनिया कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। प्लास्टिक न तो स्वयं पानी में घुलता है न किसी और वस्तु को पानी में भीगने देता है। अतः भवन निर्माण में, बस्तों में, कापियों तथा अन्य वस्तुओं में प्लास्टिक कवर का प्रयोग किया जाता है । पेन, मोबाइल, टेबल, कुर्सियाँ, टी.वी., फ्रिज, रसोईघर में वस्तुओं के भंडारण एवं संग्रहण, बड़े-बड़े उद्योगों, मशीनों आदि में भी इसका प्रयोग होता है। यदि आप कभी घर से बैग ले जाना भूल जायें तो आप अपना सामान प्लास्टिक की बनी थैलियों में ला सकते हैं। हमें आधुनिक बनाने में प्लास्टिक का बहुत बड़ा हाथ है। प्लास्टिक का प्रयोग हमारे जीवन में इस प्रकार रच बस गया है कि इसके बिना सब अधूरा-सा लगता है। लेकिन इसमें बहुत सारे दोष भी हैं। इसका मुख्य दोष है इसका मिट्टी में न मिल पाना। यह अन्य पदार्थों की तरह नष्ट होकर भूमि में नहीं मिलता, अत: यह प्रदूषण का मुख्य कारण है। वर्तमान में हम जहाँ देखते हैं वहीं प्लास्टिक के ढेर नजर आते हैं। जिस प्लास्टिक ने हमें इतनी सुविधाएँ दी वही अब हमारे जीवन का संकट बन गया है। प्लास्टिक के इस दोष से विश्व के कई देश सचेत हो चुके हैं। प्लास्टिक थैलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत की राजधानी दिल्ली में भी प्लास्टिक थैलों पर प्रतिबंध है।