बढ़ती हुई जनसंख्या
भारत वर्ष की जनसंख्या पहले एक अरब 30 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। प्रतिवर्ष इसमें लगभग सवा करोड़ की वृद्धि होती है। बढ़ती हुई जनसंख्या हमारी सबसे बड़ी समस्या है। जिस तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसके मुकाबले रोटी, कपड़ा और मकान की सुविधाओं में वृद्धि का प्रतिशत बहुत कम है। भारत के पास विश्व की कुल भूमि की 2% भूमि है, किन्तु उस पर रहने वाले विश्व की कुल आबादी के 16% लोग है। दूसरी समस्या खाद्यान्न की है। देश में खाद्यान्न की वृद्धि दर 8% प्रतिशत है। और उसे खाने वाले 16% की वृद्धि है। भारत में अभाव, गरीबी, और भूख का दबाव बढ़ता जा रहा है। यही हाल आजीविका वृद्धि का भी है। जनसंख्या वृद्धि का एक और प्रमुख कारण जन्मदर में वृद्धि और मृत्युदर में कमी भी है। सरकार द्वारा चलाये गये परिवार नियोजन कार्यक्रम का असर शहरों में तो दिखाई देता है किन्तु गाँवों में अभी भी लोग संतानोत्पत्ति में लगे हैं। आज देश का हाल ये है कि देश का वह प्रत्येक बच्चा जो जन्म लेता है, देश पर भारी है। अत: हमें अशिक्षित लोगों को परिवार नियोजन का अर्थ समझाना ही पड़ेगा। छात्र संबंधी अनुच्छेद